tamannassrAug 11, 20191 min readबंजारा सा मन Updated: Aug 20, 2019बंजारा सा मन है ठहरता ही नहीं ,बादल एक आवाराकहीं टिकता ही नहीं ,हवा का झोंका है,पानी का बुलबुला है -क्षणभंगुर।टूट न जाए़़। बंजारा सा मन हैपंख फडफडाता,अपने ही बंधन सेचाहे आजादी ।यायावर है ,आवारा, घुमक्कड़, मुक्त आकाश में उडना चाहे।
बंजारा सा मन है ठहरता ही नहीं ,बादल एक आवाराकहीं टिकता ही नहीं ,हवा का झोंका है,पानी का बुलबुला है -क्षणभंगुर।टूट न जाए़़। बंजारा सा मन हैपंख फडफडाता,अपने ही बंधन सेचाहे आजादी ।यायावर है ,आवारा, घुमक्कड़, मुक्त आकाश में उडना चाहे।
👌👌